कर्नाटक संस्कृत विश्वविधालय ने संस्कृत कंप्यूटर लिंगविस्टिक कोर्स पिछले वर्ष प्रारम्भ किया। अब तक चालीस लोग
इस कोर्स को पढ़ रहे है। शिक्षकों का कहना है क यह कोर्स मानसिक तनाव को काम करता है।
शिवानी, विभागाध्यक्ष कहते हैं “यह कोर्स हमने पिछले वर्ष शुरू किया था। अब तक काफी लोग इसमें रुचि दिखा रहे है।
आई टी से भी कए लोग यह आ रहे है। नौकरी के तनाव से हटकर लोग यहाँ तनाव काम करने आते है। संस्कृत भाषा यादाश
बढ़ने में भी सहायक होती है।“
विश्वविधालय की शुरुवात सौ से भी काम बच्चो से हुई थी परन्तु आज यहाँ तीन हज़ार बच्चे है। आई टी से जुड़े लोग भी
यहाँ पढ़ने आरे है। विनीत ने डेढ़ साल तक एक आईटी कंपनी में काम करने के बात नौकरी छोड़ इस कोर्स में दाखिला
लिया।
विनीत, छात्र कहते हैं “कॉर्पोरेट में काम करने से ज़िन्दगी बहुत तनाव वाली हो जाती है। आपको सुबह से शाम तक काम
करना होता है। यह बहुत मानसिक तनाव देता है। जब मुझे इस कोर्स के बारे में पता चला तो मैंने एकदम दाखिला ले लिया।
यह तनाव को काम करता है”
कोर्स का लक्ष्य संस्कृत की संस्कृति को बढ़ाना है।
डॉ श्रुति कहते हैं “हमारा लक्ष्य संस्कृत की संस्कृति को बढ़ाना है। संस्कृत काफी प्राचीन भाषा है। आज इस भाषा को
ज़्यादा लोग नहीं जानते है इसलिए हमने २०१० में इस विश्वविधालय को शुरू किया। हम भविष्य में और कोर्स
को लाना चाहते है”
कर्नाटक संस्कृत विश्वविधालय में संस्कृत कंप्यूटर लिंगविस्टिक कोर्स मैं कए लोग रूचि दिखा रहे है
Published on April 8, 2019 by Kanika Chamlegi